गोल्डेन मिल्क – एक पारंपरिक भारतीय पेय के गुण
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स्वर्ण दूध एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जो एशिया के अन्य हिस्सों में भी जाना जाता है, विशेष रूप से चीनी लोक चिकित्सा में। हर भारतीय माँ इस पेय को जानती है, क्योंकि इसे बच्चों को तब दिया जाता है जब सर्दी या संक्रमण के पहले लक्षण प्रकट होते हैं। आजकल, स्वर्ण दूध पश्चिमी दुनिया में अपनी स्वास्थ्य लाभों और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
स्वर्ण दूध के सशक्त गुण कहाँ से आते हैं?
इस पेय की सबसे महत्वपूर्ण सामग्रियों में से एक, जो इसे अपना रंग देती है, वह है हल्दी. यह सुनहरा पीला मसाला मुख्य रूप से अपनी एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइकोटिक और एंटीऑक्सिडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह विटामिन B6 और C के साथ-साथ खनिजों से भी भरपूर है जैसे:
- लोहा,
- पोटैशियम,
- मैंगनीज।
गोल्डन मिल्क एक ऐसा पेय भी है जो हल्दी के स्वास्थ्यवर्धक गुणों को नारियल दूध और काली मिर्च जैसे अन्य स्वस्थ सामग्री के साथ जोड़ता है। काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन कर्कुमिन के अवशोषण को 20 गुना तक बढ़ाता है। एशिया में इस पेय को एक औषधि माना जाता है जो विभिन्न प्रकार की समस्याओं को कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसे निवारक रूप से दिया जाता है और निम्नलिखित लक्षणों में उपयोग किया जाता है:
- जोड़ों में सूजन,
- सर्दी,
- शरीर का ठंडा होना,
- पेट की परेशानी।
यह पेय पारंपरिक योगियों द्वारा भी सराहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यह जोड़ों को मजबूत करता है और दर्द व अकड़न को कम करता है।
एक पारंपरिक भारतीय पेय कैसे बनाएं?
गोल्डन मिल्क बनाने के लिए आपको चाहिए:
- आधा गिलास पानी,
- एक गिलास दूध (यह पौधों या पशुओं से हो सकता है),
- एक चम्मच हल्दी पाउडर,
- आधा चम्मच काली मिर्च,
- मसाले: दालचीनी, इलायची, अदरक,
- एक चम्मच नारियल तेल (या बादाम तेल)।
- एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)।
क्षेत्र के अनुसार गोल्डन मिल्क की तैयारी में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सामग्री हर जगह हल्दी और काली मिर्च होती है। एक चम्मच हल्दी पाउडर को आधे गिलास पानी में मिलाएं और कुछ मिनट तक उबालें। फिर अपनी पसंद का एक गिलास दूध डालें। फिर एक चम्मच नारियल तेल (यह बादाम तेल भी हो सकता है) डालें और मसाले मिलाएं: ये वे सभी विदेशी मसाले हो सकते हैं जो हमें पसंद हों और जो हमारे दिमाग में आएं, लेकिन काली मिर्च, अदरक और दालचीनी जरूर होनी चाहिए। आप सफलतापूर्वक इलायची और थोड़ा जायफल भी डाल सकते हैं। जब आप दूध और मसालों को अच्छी तरह मिलाते हैं, तो पेय पीने के लिए तैयार होता है। यह गर्म होना चाहिए, लेकिन कभी भी बहुत गर्म नहीं। और अगर हमें कुछ मीठा खाने का मन हो, तो हम दूध में एक मात्रा शहद भी डाल सकते हैं। कुछ लोग इस मीठे भारतीय पेय को एक स्वस्थ और तृप्तिदायक मिठाई मानते हैं। स्वास्थ्य खाद्य दुकानों में आप भारतीय मसालों का एक तैयार मिश्रण भी खरीद सकते हैं, जिसमें तीव्र, मीठा-मसालेदार, मसालेदार स्वाद होता है, जो विशेष रूप से इस पारंपरिक पेय की तैयारी के लिए तैयार किया गया है।
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